न जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया - The Indic Lyrics Database

न जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - दर्द | वर्ष - 1981

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न जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
खिला गुलाब की तरह मेरा बदन
निखर निखर गई, सँवर सँवर गई
बना के आईना तुझे ऐ जान-ए-मन
बिखरा है काजल फ़िज़ा में, भीगी भीगी हैं शामें
बूँदों की रिमझिम से जागी आग ठंडी हवा में
आजा सनम ये हसीं आग हम ले दिल में बसा
आँचल कहाँ मैं कहाँ हूँ, ये मुझे होश क्या है
ये बेखुदी तू ने दी है, प्यार का ये नशा है
सुन ले ज़रा, साज-ए-दिल गा रहा है नग्म़ा तेरा
कलियों की ये सेज महके, रात जागे मिलन की
खो जाए धड़कन में तेरे, धड़कनें मेरे मन की
आ पास आ तेरी हर साँस में मैं जाऊँ समा