कोई सोने के दिलवाला, कोई चांदी के दिलवाला - The Indic Lyrics Database

कोई सोने के दिलवाला, कोई चांदी के दिलवाला

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - माया | वर्ष - 1961

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कोई सोने के दिलवाला
कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले तेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी, दीवाने कहीं चल
है तो सनम लेकिन पत्थर के सनम यहाँ
प्यारवाली नर्मी अदाओं में कहाँ
होठों से देख इनके टकराये ना तेरा प्याला
क्या जानिये कहाँ से आती है कानों में सदा
है दीवाने ग़म तेरा सबसे जुदा
इस महफ़िल से उठा दिल, ना बहलेगा ये मतवाला