ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो धालेने दे - The Indic Lyrics Database

ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो धालेने दे

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चंबल की रानी | वर्ष - 1979

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ये बेकसी के अँधेरे ज़रा तो ढलने दे
बुझा न दे मेरे दिल का चराग़ जलने देख़ुद अपनी आग में जलना मेरा मुक़द्दर है
मैं एक शम्मा हूँ पल-पल मुझे पिघलने देये भटकी-भटकी जवानी ये डगमगाये क़दम
सँभल तो जाऊँ ज़माना अगर सँभलने देन सुन सके तो यहीं ख़त्म ज़िक्र-ए-ग़म कर दूँ
जो सुन सके तो मेरी दास्तान चलने दे