मानो से मैं गंगा मान हुं - The Indic Lyrics Database

मानो से मैं गंगा मान हुं

गीतकार - अंजान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - गंगा की सौगंध | वर्ष - 1978

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मानो तो मैं गंगा माँ हूँ ना मानो तो बहता पानी -२
( जो स्वर्ग ने दी धरती को ) -२ मैं हूँ प्यार की वही निशानीयुग-युग से मैं बहती आई नील गगन के नीचे
सदियों से मेरी धारा प्यार की धरती सींचे
मेरी लहर-लहर पे लिखी है इस देश की अमर कहानीहरि ओम
अल्ला हो अकबर अल्ला -२
कोई वजू करे मेरे जल से कोई सूरज को नहलाए
कहीं धोबी कपड़े धोए कहीं पण्डित प्यास बुझाए
ये जात धरम के झगड़े इन्सान की हैं नादानीगौतम अशोक अकबर ने यहाँ प्यार के फूल खिलाए
तुलसी ग़ालिब मीरा ने यहाँ ज्ञान के दीप जलाए
मेरे तट पे आज भी गूँजे नानक कबीर की वाणी
मानो तो मैं ...