कोई सहरी बाबू - The Indic Lyrics Database

कोई सहरी बाबू

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - आशा भोसले | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - आवारा | वर्ष - 1973

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कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फिराँ
मैं तो चलूँ हौले हौले
फिर भी मन डोले
हाय वे, मेरे रब्बा मैं की कराँ
मैं छम छम नचदी फिराँ
पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शर्माने लगी
धड़कन से मैं घबराने लगी
दर्पन से मैं कतराने लगी
मन खाए हिचकोले
ऐसे जैसे नैया डोले
हाय वे, मेरे रब्बा मैं की कराँ
मैं छम छम नचदी फिराँ
सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
नैनों की डोली बिठा के मुझे
ले के बहुत दूर जाने लगा
मेरे घुँघटा को खोले
मीठे मीठे बोल बोले
हाय वे, मेरे रब्बा मैं की कराँ
मैं छम छम नचदी फिराँ