क्या तूता है अंदर अंदर क्यूं चेहरा कुम्हलाया है - The Indic Lyrics Database

क्या तूता है अंदर अंदर क्यूं चेहरा कुम्हलाया है

गीतकार - फरहत शहजादी | गायक - मेहदी हसन | संगीत - नियाज़ अहमद | फ़िल्म - कहना उसे (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1984

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क्या टूटा है अन्दर अन्दर चेहरा क्यूँ कुम्हलाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
तन्हा तन्हा रोने वालो कौन तुम्हें याद आया हैचुपके चुपके सुलग़ रहे थे याद में उनकी दीवाने
इक तारे ने टूट के यारो क्या उनको समझाया हैरंग बिरंगी इस महफ़िल में तुम क्यूँ इतने चुप चुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगो क्या खोया क्या पाया हैशेर कहाँ है ख़ून है दिल का जो लफ़्ज़ों में बिखरा है
दिल के ज़ख़्म दिखा कर हमने महफ़िल को गर्माया हैअब 'शहज़ाद' ये झूठ न बोलो वो इतना बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को भी परखो गर इल्ज़ाम लगाया है