बोल मेरी तकदीर में क्या है, मेरे हमसफर अब तो बता - The Indic Lyrics Database

बोल मेरी तकदीर में क्या है, मेरे हमसफर अब तो बता

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - हरियाली और रास्ता | वर्ष - 1962

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बोल मेरी तकदीर में क्या है, मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं, हरियाली और रास्ता
कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल, तू बतला तुझ को है पता
जीवन के दो पहलू हैं, हरियाली और रास्ता
जहाँ हम आ के पहुचे हैं, वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकीन, मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना
तेरे लिए हम कुछ भी सहेंगे, तेरा दर्द अब दर्द मेरा
जीवन के दो पहलू हैं, हरियाली और रास्ता
जहाँ जिस हाल में भी हूँ, रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है, नहीं मिलते किनारे ही
अपना अपना हैं ये मुकद्दर, आज करे हम किस से गिला