आओ आओ होनाहार ओ प्यारे बच्चे तक तक धूम धूम - The Indic Lyrics Database

आओ आओ होनाहार ओ प्यारे बच्चे तक तक धूम धूम

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - दो आंखें बारह हाथ | वर्ष - 1957

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ल : आओ आओ होनहार ओ प्यारे बच्चे
प्यारे बच्चे, उमर के कच्चे, बात के सच्चे
जीवन की एक बात बुताऊँ -२
मुसीबतों से डरो नहीं
बुज़दिल बन के मरो नहीं
रोते-रोते क्या है जीना
नाचो दुख में तान के सीना -२को : तक तक धुम धुम -२०ल : रात अंधियारी हो, घिरी घटायें कारी हों
रास्ता सुनसान हो, आँधी और तूफ़ान हों
मंज़िल तेरी दूर हो -२
पाँव तेरे मजबूर हों
तो क्या करोगे
रुक जाओगे
को : ना
ल : तो क्या करोगेको : तक तक धुम धुम -२०ल : ओ
इन्सानों के दुःख हल्कान, करके अपना सब क़ुरबान
बेबस का घर बस जाये, अपना घर जो उजड़ जाये
औरों को करके आबाद -२
हुये अगर जो तुम बरबाद
तो क्या करोगे
रोओगे
को : ना
ल : तो क्या करोगेको : तक तक धुम धुम -२०ल : ओ
जग में घोर लड़ाई हो, वतन पे आफ़त आई हो
घर में घुसे लुटेरे हों, आज़ादी को घेरे हों
बन्दूकों की मार हो -२
बड़े-बड़े लाचार हों
तो क्या करोगे
डर जाओगे
को : ना
ल : तो क्या करोगेको : तक तक धुम धुम -२०