आरज़ू थी दुश्मन दिल का है जो मेरे - The Indic Lyrics Database

आरज़ू थी दुश्मन दिल का है जो मेरे

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - साधना सरगम | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - रूप की रानी चोरों का राजा | वर्ष - 1993

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आरज़ू थी दिल को जिसकी दूर वो मंज़िल नहीं
आज या तो मैं नहीं या आज वो क़ातिल नहींदुश्मन दिल का है जो मेरे
सुना है आज वो आएगा आएगा
आज उसे जानूंगी मैं
आज उसे पहचानूंगी मैं
आज नहीं बच पाएगा पाएगाचैन गंवाया बचपन में
आज लगी है मेरे तन मन में
राहों में गलियों दर्पण में
ढूंढूं जिसे हर दर्पण में
सामने आए तो वो
चेहरा दिखाए तो वो
कब तक खुद को छुपाएगा छुपाएगा
दुश्मन दिल का है जो मेरे ...अब ये रूप दिखाऊंगी मैं
जिसने मिटाई मेरी खुशी उसको आज मिटाऊंगी मैं
खतरे भी झेलूंगी
जान से खेलूंगी
दुश्मन जान से जाएगा जाएगा
दुश्मन दिल का है जो मेरे ...कब से फिरती हूँ मैं दीवानी
घर आंगन से मैं अनजानी
दिल पे छाए हैं यादों के बादल
आँखों से बरसे है पानी
जिसने ये ग़म दिया
जिसने ये सितम किया
आज बहुत पछताएगा पछताएगा
दुश्मन दिल का है जो मेरे ...