बिंदिया तरसे, कजरा बरसे, आये ना साजना - The Indic Lyrics Database

बिंदिया तरसे, कजरा बरसे, आये ना साजना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - फिर वही रात | वर्ष - 1980

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बिंदिया तरसे, कजरा बरसे, आये ना साजना
ढल गयी रैना, बुझ गई बाती, मैं खड़ी आँगना
मैं प्यासी पिया आवन की, कोयल सी बिन सावन की
भटकू रे साथी बिना
याद करूँ जब सुरतिया और जले भीगी अँखियाँ
कुछ मोहे सुझे ना
ढूंढ़ थकी सब द्वार गली, रात यूँ ही फिर बीत चली
आये पिया अजहूँ ना