जवां मोहब्बत जहाँ जहाँ है पह - The Indic Lyrics Database

जवां मोहब्बत जहाँ जहाँ है पह

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - जवान मोहब्बत | वर्ष - 1971

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जवाँ मोहब्बत जहाँ-जहाँ है
दिलों की जन्नत वहाँ-वहाँ हैपहलू में आ के आग लगा के जाती हो जान-ए-तमन्ना कहाँ
शरमाना कैसा घबराना कैसा होने दो अब तो मोहब्बत जवाँदिल आ रहा है जाँ जा रही है ऐसे में रुक जा कहाँ जा रही है
तुझको जवाँ आरज़ू की क़सम बाँहों में आजा सिमट के सनम
पहलू में आ के ...ये शोख़ मौसम दिलकश नज़ारे आँखें आँखें दबा के करते इशारे
बहारें भी पूछें चले हो किधर हमसे भी दम भर मिला लो नज़र
पहलू में आ के ...चलती हवाएँ क्यूँ थम रही हैं नज़रें हमीं पर क्यूँ जम रही हैं
लहरों में है ये नग़मा रवाँ मोहब्बत जवाँ है जवाँ है जवाँ
पहलू में आ के ...जवाँ मोहब्बत -३