ना जाने कब वो पलट आएँ दर खुला रखना - The Indic Lyrics Database

ना जाने कब वो पलट आएँ दर खुला रखना

गीतकार - इफ्तेखार नसीम | गायक - गुलाम अली | संगीत - रफीक हुसैन | फ़िल्म - सादगी (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1997

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न जाने कब वो पलट आयें दर खुला रखना
गये हुवों के लिये दिल में कुछ जगह रखनाहज़ार तल्ख़ हों यादें मगर वो जब भी मिलें
ज़ुबाँ पे अच्छे दिनों का ही ज़ायका रखनान हो के कुर्ब ही फिर मर्ग-ए-रब्त बन जाये
मिले अगर तो ज़रा उससे फ़ासला रखनाउतार फैंक दे ख़ुश-फ़हमियों के सारे गिलाफ़
जो शख़्स भूल गया उसको याद क्या रखना