तुम ज़िंदगी को ग़म का - The Indic Lyrics Database

तुम ज़िंदगी को ग़म का

गीतकार - मुशीर काज़मी | गायक - नूरजहां | संगीत - फ़िरोज़ निज़ामी | फ़िल्म - डोपट्टा (पाकिस्तान) | वर्ष - 1952

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तुम ज़िंदगी को ग़म का ...
तुम ज़िंदगी को ग़म का, फ़सान बना गये
आँखों में इंतज़ार की दुनिया बसा गये
तुम थे की मेरे प्यार की दुनिया बसी हुई
ओ ओ, तुम थे की ज़िंदगी के अंधेरे में रोशनी
तुम क्या गये चराग़-ए-मोहब्बत बुझा गये
तुम ज़िंदगी को ग़म का ...
तुम ज़िंदगी को ग़म का, फ़साना बना गये
आँखों में इंतज़ार की दुनिया बसा गये
दुनिया उजड़ गयी मेरे सब्र-ओ-करार की
ओ ओ, रो रो के रात काटती हूँ इंतज़ार की
जब चाँद पर नज़र पड़ी तुम याद आ गये
तुम ज़िंदगी को ग़म का ...
तुम ज़िंदगी को ग़म का, फ़सान बना गये
आँखों में इंतज़ार की दुनिया बसा गये$