महकी महकी हैं राहें हैं ना - The Indic Lyrics Database

महकी महकी हैं राहें हैं ना

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - ज़ुबैदा | वर्ष - 2000

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महकी-महकी हैं राहें बहकी-बहकी हैं निगाहें हैं नाहाय रे हाय रे हाय रे हाय रेघेरे हैं जो ये बाँहें पाई हैं मैंने पनाहें हैं नाहाय रे हाय रे हाय रे हाय रेगा तू दिल के तारों पे गा गीत ऐसा कोई नयाजो ज़िंदगी में कभी हो ना पहले सुनापलकों पे सपने सजा सपनों में जादू जगातू मेरी राहों में चाहत की शम्में जलामेरे दिल ने तोहफ़े ये तुम से पायेधुप थी ग़म की तुम लाये सायेमेरी अब जो भी ख़ुशी है मुझे तुम से ही मिली है सुनो नातुम्ही वो चाँदनी हो जो मेरी नज़रों में खिली हैकहीं ये तो नहीं हैं वो आँखें हसीं देखती हैं जो मुझको पियाजो भी हूँ तेरी हूँ बस यही गुन है मेरादिल की ये ज़िद है दिल का है कहनासाथ तुम्हरे इस को है रहनाचलो कहीं दूर ही जायें नई एक दुनिया बसायें, सुनो नावहाँ बस मैं और तुम हो मोहब्बत में हम गुम होंअब हो उलझन कोई अब हो बंधन कोई हो नहीं सकते हम अब जुदाये तेरा ये मेरा आख़री है फ़ैसला