चोरी चोरी जो तुमसे मिली अजी इसे प्यार कहेंगे - The Indic Lyrics Database

चोरी चोरी जो तुमसे मिली अजी इसे प्यार कहेंगे

गीतकार - फारूक कैसर | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - पारसमणी | वर्ष - 1963

View in Roman

चोरी-चोरी जो तुमसे मिली तो लोग क्या कहेंगे
अजी इसे प्यार कहेंगे
गली गली ये बात चली तो लोग क्या कहेंगे
अजी इसे प्यार कहेंगेतेरा ख्याल मेरे दिल में जब से आया है
क़दम स.म्भलते नहीं और नशा सा छाया है
क़रार खो के ही दिल ने क़रार पाया है
धीरे धीरे ये बात बढ़ी तो लोग क्या कहेंगे
अजी इसे प्यार कहेंगे ...कितनी ज़ालिम ये मुलाक़ात हुई
जिससे डरते थे वही बात हुई
बढ़ गई प्यास तमन्नाओं की
इस तरह प्यार की बरसात हुई
क़सम तुम्हारी मेरे दिल की बात कह डाली
छोड़ो छोड़ो ये दिल्लगी कि लोग क्या कहेंगे
अजी इसे प्यार कहेंगे ...