हंस हंस के हसीनों से नजर चार किए जा - The Indic Lyrics Database

हंस हंस के हसीनों से नजर चार किए जा

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1955

View in Roman

हँस हँस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा -२(ये ज़ुल्फ़ ये अबरू ये लचकति हुई बाँहें
बिजली सी गिराती हुई खामोश निगाहें) -२
है ताक़त-ए-दीदार तो दीदार किये जा
हँस हँन्स के ...(लाज़िम है मुहब्बत में लगावट भी अदा भी
उल्फ़त में मिले कुछ तो तड़पने का मज़ा भी) -२
इक़रार किये जा कभी इंकार किये जा
हँस हँन्स के ...हर एक अदा हुस्न की आँखों में बसा ले
सीने में ज़रा इश्क़ का तूफ़ान जगा ले
सोयी हुई तक़दीर को बेदार किये जा
हँस हँन्स के ...