यह लम्हा - The Indic Lyrics Database

यह लम्हा

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2003

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थकी थकी सी शाम
फिर जवान होने लगी
उजालों ने चुराए हैं
रत के सब निशान अभी अभी
जिंदगी उड़ रही
बनके धुंआ धुंआ
कल मिले ना मिले
क्या पता कल कहा
आ सवरू तुझे के
जी लूँ मै यह लम्हा

जब यहाँ दिल से दिल मिले
फिर से प्यार की इक हवा बहे
बाहें फैलाये आ गए
मिलने को बेक़रार से
ढूंढते फिरते थे
कौन यह खोज से
बैठे हैं पहलुओ
में एक एक किस्से
हसरतें थी किसीकी
किसीकी ना हो गयी
थकी थकी सी शाम
फिर जवान होने लगी
उजालो ने येआ ओह ओह ये

आसमान से उतरता शोर
चमक रहा है पोरर पोरर
झिलमिलाती हुवी यह रात गति हुवी
इक सुहागण सी रात यह सुहाना समां
कल मिले ना मिले क्या पता कल कहा
आ सवरू तुझे के जी लो मैं

थकी थकी सी शाम
फिर जवान हो गयी
थकी थकी सी शाम
फिर जवान हो गयी
थकी थकी सी शाम
फिर जवान हो गयी
थकी थकी थकी थकी.