लकड़ी जल कोयला भयि मोरी बाली रे उमरिया अब कैसे - The Indic Lyrics Database

लकड़ी जल कोयला भयि मोरी बाली रे उमरिया अब कैसे

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - छोटी छोटी बातें | वर्ष - 1965

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लकड़ी जल कोयला भयी -२
कोयला जल भयी राख
मैं पापन ऐसी जली न कोयला भयी ना राखमोरी बाली रे उमरिया अब कैसे बीते राम -२
रो रोके बोली राधा -२
मोहे तजके गयो श्याम, मोरी बाली रे उमरियाजो छोड़के ही जाना था
तूने काहे को प्रीत लगाई
मेरे मीत तेरा क्या बिगड़ा
मेरी हो गई जगत हँसाई -२
अब तो सारी रे नगरिया करे मुझको बदनाम -२
मोरी बाली रे उमरिया अब कैसे बीते रामजीतेजी ओ बेदर्दी मैं सेज अगन की सोई
क्या होली और दीवाली (मैं हर त्योहार में रोयी) -२
मोरी सूनी रे अटरिया पे हर दिन कोहराम -२
मोरी बाली रे उमरिया अब कैसे बीते रामतुम ऐसे देस सिधारे जहाँ पहुँच सके ना पाती
तूने अच्छा साथ निभाया (ओ मेरे जीवन साथी) -२
किसकी लागी रे नजरिया मोसे बिघला भयी बाम -२
मोरी बाली रे उमरिया अब कैसे बीते राम