दिल बेकरार सा हैं - The Indic Lyrics Database

दिल बेकरार सा हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - इशारा | वर्ष - 1964

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दिल बेक़रार सा है, मुझ को ख़ुमार सा है
जब से तुझे देखा सनम
हाय! दिल बेक़रार सा है ...मौसम नशे में चूर है
कुछ पी के आयी है घटा
बस कुछ न पूछो आज क्या
पैग़ाम लायी है घटा
अब मैं ने जाना प्यार क्या है तेरी ज़ुल्फ़ों की क़सम
दिल बेक़रार सा है ...हाथों में आँचल थाम के
वो मुँह छुपाने की अदा
दीवाना कर देगा हमें
वो मुस्कुराने की अदा
अब मैं नेव जाना प्यार क्या है तेरी होंठों की क़सम
दिल बेक़रार सा है ...