तारों का चमकता गहन हो - The Indic Lyrics Database

तारों का चमकता गहन हो

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण, बाली ब्रम्हभट्ट | संगीत - निखिल विनय | फ़िल्म - हम तुम्हारे हैं सनम | वर्ष - 2002

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हे हे आ ओ हो हो आ हा हा हा हो ओ
तारों का चमकता गहना हो
फूलों की महकती वादी हो
उस घर में खुशहाली आए
जिस घर में तुम्हारी शादी होये फूल तुम्हारे जेवर हैं
ये चाँद तुम्हारा आईना
तुम जब ऐसे शर्माती हो
दूल्हे का धड़कता है सीना
हर आईना तुम को देखे तुम तो ऐसी शहज़ादी हो
उस घर में खुशहाली ...मेरी बहना है फूल बहारों का
मेरी बहना है नूर नज़ारों का
मेरी बहना के जैसी कोई बहना नहीं
बिना इस के कहीं भी मुझे रहना नहीं
जैसे है चाँद सितारों में
मेरी बहना है एक हज़ारों में
हम जैसे भोले भालों की
ये दुनिया तो है दिलवालों की
तारों का चमकता ...ख़ुशियों के महलों में बैठो
कोई गम ना तुम्हारे पास आए
ना उम्र का पहरा हो तुम पे
मेरी दिल की दुआ ये रंग लाए
रब हँसता हुआ रखे तुम को
तुम तो हँसने की आदी हो
उस घर में खुशहाली ...