हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिए - The Indic Lyrics Database

हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिए

गीतकार - गुलजार | गायक - भूपेंद्र -सुरेश वाडकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - मासूम | वर्ष - 1982

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हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिये
खुले आम आँचल ना लहरा के चलिये
कोई मनचला अगर पकड़ लेगा आँचल
ज़रा सोचिये आप क्या कीजियेगा
लगा दे अगर बढ़ के जुल्फों में कलियाँ
तो क्या अपनी जुल्फें झटक दिजीयेगा
बड़ी दिलनशी है हँसी की ये लडीयाँ
ये मोती मगर यूँ ना बिखराया कीजे
उड़ा के ना ले जाए झोंका हवा का
लचकता बदन यूँ ना लहराया कीजे
बहोत खूबसूरत है हर बात लेकिन
अगर दिल भी होता, तो क्या बात होती
लिखी जाती फिर दास्ताँ-ए-मोहब्बत
एक अफसाने जैसी मुलाक़ात होती