बिखरा के जुल्फें चमन में ना जाना - The Indic Lyrics Database

बिखरा के जुल्फें चमन में ना जाना

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर - मुकेश | संगीत - रवि | फ़िल्म - नज़राना | वर्ष - 1961

View in Roman

बिखरा के जुल्फें चमन में ना जाना
क्यों
इसलिए के शरमा ना जाये फूलों के साये
मोहब्बत के नग्में तुम भी ना गाना
क्यों
इसलिए के भँवरा तुम्हारी हँसी ना उड़ाये
मोहब्बत की भँवरे को पहचान क्या
ये कलियों से पूछो हमें क्या पता
सौदाई होगा
हम तो नहीं हैं
कहीं सिख लेना ना इसकी अदा
ज़ुबान पर कभी बात ऐसी ना लाना
क्यों
इसलिए के दुनिया से रस्म-ए-वफ़ा मिट ना जाये
कहो साथ दोगे कहाँ तक मेरा
वहाँ तक जहाँ आसमान झुक रहा
बोलो चलोगी
जो तुम ले चलोगे
कहीं राह में हो ना जाना जुदा
मेरा प्यार देखेगा सारा ज़माना
क्यों
इसलिए के वादे किये और कर के निभाये