तुम ज़रा सी बात पर खफ़ा न हो - The Indic Lyrics Database

तुम ज़रा सी बात पर खफ़ा न हो

गीतकार - रुखा | गायक - रफ़ी, सुरैया | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - श्री लम्बू | वर्ष - 1956

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तुम ज़रा सी बात पर खफ़ा न हो
तू मेरा दिलरुबा है मैं तेरी दिलरुबा
माफ़ कर दो मेरी खता जो भी हो
दिल दिया है अब जो भी हो सो हो
लाख हों सितम हम तो ए सनम
हाँ कहेंगे सर झुका के जो कहो
तुम ज़रा सी बात पर ...
दर्द बन के मेरे दिल में आए हो
बादलों में बिजलियाँ भी लाए हो
बिजलियाँ नहीं दिल की आग है
तेरे हुस्न का ये सुहाग है
जो है तेरा आज तू भी उसकी हो
प्यार घटाओं में चाँद तू
ले उड़ी हाँ ये तेरी आरज़ू
यह बताओ क्या दिल जलाओगे
या मेरी लगी तुम बुझाओगे
मीठे-मीठे बोल बोल एक दो
सुन के तेरी ये नशीली रागिनी
झूमती है मेरे दिल में चाँदनी
एक बात है आज पूछ लूँ
जाने फिर कभी मैं कह सकूँ
एक जान हो के हम क्यों हैं दो
दिल दिया है ...$