ये इश्क है ये जुनुं है ये प्रेम है तुम बछोगे किस तराह - The Indic Lyrics Database

ये इश्क है ये जुनुं है ये प्रेम है तुम बछोगे किस तराह

गीतकार - राहत इंदौरी | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - औज़ार | वर्ष - 1997

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ये इश्क़ है ये जुनून है ये दर्द है ये सुकून है
ये प्रेम है प्रेम है प्रेम है
तुम बचोगे किस तरह क्या ये आसान काम है
दिल के सौ टुकड़े हैं हर टुकड़े पे तेरा नाम है
तू ही मेरी सुबह तू ही मेरी शाम है
तू ही मेरी दुनिया तू ही मेरी जान है
ये इश्क़ है ये जुनून है ...मुहब्बत करने वाले एक ही दिल में रहते हैं
मैं उनके दिल में रहती हूँ वो मेरे दिल में रहते हैं
ले के अंगड़ाईयां शबाब की तरह
खिलने लगी मैं गुलाब की तरह
मौसम नशीला शराब की तरहले के तुझे बाहों में घूमता फिरूं
बालों को गालों को चूमता फिरूं
तू ही बेकरारी मेरी तू ही करार है
मेरा जीना मरना अब से तेरे ही नाम है
तुम बचोगे किस तरह ...