अंधे जहान के अंधे रास्ते, जाएं तो जाएं कहाँ - The Indic Lyrics Database

अंधे जहान के अंधे रास्ते, जाएं तो जाएं कहाँ

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - पतिता | वर्ष - 1953

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अंधे जहान के अंधे रास्ते, जाएं तो जाएं कहाँ
दुनिया तो दुनिया, तू भी पराया, हम यहाँ ना वहाँ

जीने की चाहत नहीं, मर के भी राहत नहीं
इस पार आँसू, उस पार आहें, दिल मेरा बेज़ुबां
अंधे जहान के ...

हम को न कोई बुलाए, ना कोई पलकें बिछाए
ऐ ग़म के मारों, मंज़िल वहीं है, दम ये टूटे जहाँ
अंधे जहान के ...

आग़ाज़ के दिन तेरा अंजाम तय हो चुका
जलते रहें हैं, जलते रहेंगे, ये ज़मीं आसमां
अंधे जहान के ...$