तूते हुए अरमानों की इक दुनिया बसाय - The Indic Lyrics Database

तूते हुए अरमानों की इक दुनिया बसाय

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - लाहौर | वर्ष - 1949

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(टूटे हुए अरमानों की इक दुनिया बसाये)-२
(बैठी हूँ तेरी याद को सीने से लगाये)-२
टूटे हुए अर्मान(तू दूर है नज़रों से)-२
(खुशी दूर है दिल से)-२
तू आये तो फिर मेरी खुशी लौट के आये
टूते हुए अरमानों ...इस डर से कि दुनिया कहीं मजबूर न कर दे
मजबूर न कर दे
पलकों से लहराते हुए आँसू न बहाये
टूते हुए अरमानों ...इक क़ैद है ग़म की
इक क़ैद है ग़म की ये जुदाई का ज़माना
जुदाई का ज़माना
आजा के ग़म ? मुझसे कहीं जीत न जाये
टूते हुए अरमानों ...