हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली - The Indic Lyrics Database

हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अनवर | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - जनता हवलदार | वर्ष - 1979

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हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली
दिल किसी का न दुखे हमने बस इतना चाहा
पाप से दूर रहे, झूठ से बचना चाहा
उसका बदला ये मिला उलटी छुरी हमपे चली
हमपे इल्ज़ाम ये है चोर को क्यों चोर कहा
क्यों सही बात कही काहे न कुछ और कहा
ये है इन्साफ तेरा वाह रे दाता की गली
अब तो इमान धरम की कोई क़ीमत ही नहीं
जैसे सच बोलने वालों की ज़रूरत ही नहीं
ऐसी दुनिया से तो दुनिया तेरी वीरान भली