अपनि निगाह ए शौक के हैं मैंने तुझाको चाहा - The Indic Lyrics Database

अपनि निगाह ए शौक के हैं मैंने तुझाको चाहा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - धरम-वीर | वर्ष - 1977

View in Roman

अपनी निगाह-ए-शौक़ के क़ाबिल बना दिया
हमको दुआएँ दो तुम्हें क़ातिल बना दियाअरे मैने तुझको चाहा ये है मेरी मेहरबानी
मैं गलियों का राजा तू महलों की रानी -२
अरे मैने तुझको ...मैने बदल डाला तेरी तक़दीर को
रंगों से भर डाला खाली तस्वीर को -२
बना डाली मैने तेरी ज़िन्दगानी
अरे मैने तुझको ...तू ख़ूबसूरत है तेरा ख़्याल है
जा मेरी आँखों का ये सब कमाल है
मेरे प्यार ने दी है तुझको जवानी
अरे मैने तुझको ...महलों में होगी बहुत धाक तेरी
गलियों में वरना क़दर ख़ाक़ तेरी
के मैं आग हूँ आग हूँ तू है पानी
अरे मैने तुझको ...