गीतकार - शब्बीर अहमद | गायक - म्ड. इरफ़ान | संगीत - बिस्वजीत भट्टाचार्जी | फ़िल्म - मानसून | वर्ष - 2015
View in Romanक्यों आज कल होश रहता नहीं
रब्बा ना जाने खो गया दिल कहीं
जीना बेज़ार हो गया है
थोड़ा सा प्यार हो गया है
थोड़ा सा प्यार हो रहा है
कोई वज़ह नहीं थी
कोई मज़ा नहीं था
जीना सजा था मेरा, तेरे बिना
हो.. कोई वज़ह नहीं थी
कोई मज़ा नहीं था
जीना सजा था मेरा, तेरे बिना
तू ही तलब थी मेरी
तू ही सबब था मेरा
था ना वज़ूद मेरा, तेरे बिना
इश्क़ बे सुमार हो गया है
थोड़ा सा प्यार हो गया है
थोड़ा सा प्यार हो रहा है