छोड़ चल निर्मोही तेरा यहाँ नहीं कोई - The Indic Lyrics Database

छोड़ चल निर्मोही तेरा यहाँ नहीं कोई

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - हरिहरन | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - मुथु महाराजा | वर्ष - 2001

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छोड़ चला निर्मोही तेरा यहाँ नहीं कोईकल तक यहाँ थे जो तेरे आज बन गये दुश्मन क्यूँप्यार से भरी दो आँखें आँसुओं की ये नदिया क्यूँक़िस्मत तुझसे रूठ गई कैसे प्रीत की डोरी टूट गईमैया को निष्ठुर कह सकते हो ज़हर तो मगर वो दे नहीं सकती -२ख़ून तेरा बह के जग से ये पूछे क्या हुई तुझसे ख़ताक्या हुई तुझसे खताउड़ जा रे निर्मोही तेरा यहाँ नहीं कोईमहल कहो या चौबारा छोड़ के सभी जाना हैझूठ से भरी ये दुनिया क्या खोना क्या पाना हैजिसने तुझको लूट लिया समझो उसकी क़िस्मत फूट गईहिमगिरि से जो निकले गंगा सागर में जा मिलती है -२कैसे नाते हैं कैसे रिश्ते हैं कोई न समझाकोई न समझारुक जा रे निर्मोही तुझसे कहे हर कोईकल तक जहाँ तू राजा था आज बन गया साधू क्यूँकल तक लुटाया धन तूने आज दे दिये आँसू क्यूँहमसे हुआ जो बेगाना कैसे ज़िंदा रहेंगे तेरे बिनासुख और दुख में जो साथी है याद उसी की रह जाती है -२हम सबकी यही बिनती है तुझसे छोड़ के यूँ ना जादिल तोड़ के यूँ न जा