ना ना ना रे ना ना हाथ ना लगान: - The Indic Lyrics Database

ना ना ना रे ना ना हाथ ना लगान:

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सुमन कल्याणपुर, मीनू पुरुषोत्तम | संगीत - रोशन | फ़िल्म - ताज महल | वर्ष - 1963

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सु : ना ना ना रे ना ना
हाथ ना लगाना
तोसे बार-बार कहूँ
मोहे ना सताना
दूँगी गारियाँमी : रूप ये सुहाना
उसपे ये बाना
गोरी तोरी अँखियाँ हैं
रंग का ख़ज़ाना
लागें प्यारियाँसु : भइया मोरा गबरू है
सैंयाँ मोरा बाँका -२
चालेंगी कटारें तैने
मुड़ के जो झाँका -२
रोयेगा तोर घराना
न जान गँवाना
के मैं बोलूँ मैं बोलूँ
मैं दूँगी गारियाँना ना ना रे ना ना
हाथ ना लगाना
तोसे बार-बार कहूँ
मोहे ना सताना
दूँगी गारियाँमी : नैनों की कटारी लागे
मन पे दुधारी -२
गेसू झुकें न तोरी
छब मतवारी -२
रूप झलक दिखलना
नहीं तरसाना
ओ न बोलो ये बैत्याँ
न बोलो न्यारियाँरूप ये सुहाना
उसपे ये बाना
गोरी तोरी अँखियाँ हैं
रंग का ख़ज़ाना
लागें प्यारियाँसु : रूप के ख़ज़ाने पे है
सैंयाँ जी का पहरा -२
जीवे मोरा सैंयाँ जासे
प्यार मोरा गहरा -२
तू है पुरुष अनजाना
बिना पहचाना
रे मैं बोलूँ मैं बोलूँ
मैं दूँगी गारियाँमी : रूप ये सुहाना
उसपे ये बाना
गोरी तोरी अँखियाँ हैं
रंग का ख़ज़ाना
लागें प्यारियाँसु : ना ना ना रे ना ना
हाथ ना लगाना
तोसे बार-बार कहूँ
मोहे ना सताना
दूँगी गारियाँ