मन प्रेम की ज्योत जला सजनी - The Indic Lyrics Database

मन प्रेम की ज्योत जला सजनी

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - पहाड़ी सान्याल, उमा शशि | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - अनाथ आश्रम | वर्ष - 1937

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उ : ( मन प्रेम की ज्योत जला सजनी
नैनन में पी को बुला सजनी ) -२( ह्रिदय में उन्हें बुलाना है
नित उत इसनान कराना है ) -२
प : नैनन से नीर बहा सजनी -२
दो : मन प्रेम की ज्योत जला सजनी -२
नैनन में पी को बुला सजनीप : ( खोये हुये को पाना है जो -२
प्रीत की रीत निभाना है ) -२
जीते जी मर जा सजनी फिर जीते जी मर जा सजनी
उ : नैनन में पी को बुला सजनी -२
प : फिर जीते जी मर जा सजनी -२
दो : नैनन में पी को बुला सजनी -२