क़ातिल है तेरी हर अदा हर दिल है तुझ पर फ़िदा - The Indic Lyrics Database

क़ातिल है तेरी हर अदा हर दिल है तुझ पर फ़िदा

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - अजीत मर्चेंट | फ़िल्म - लेडी किलर | वर्ष - 1968

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क़ातिल है तेरी हर अदा हर दिल है तुझ पर फ़िदा
राही अपनी मंज़िल भूले देख के तेरा चेहरा
प्यारी है तू इतनी ख़ुदा भी तो चाहता होगा
हसीं है तू ख़ुदा भी तो मानता होगाचम चम चमके तेरा बदन जीवन सागर पार करके
मुस्कानों में मोती छुपे हैं सीपों सी पलकें
महफ़िल में है हर दिल में है अब तेरा ही जलवापंख नहीं है जिसके ऐसी तू है रूप परी
जन्नत को क्यों छोड़ा तूने फ़लक़ से क्यों उतरी
जब देखो तब करते हैं लब तेरा ही चरचा