ये रात सुहानी रात नहीं - The Indic Lyrics Database

ये रात सुहानी रात नहीं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - तलत महमूद | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - दिल-ए-नादान | वर्ष - 1953

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ये रात, ये रात -२
(ये रात सुहानी रात नहीं,
ऐ चाँद सितारों सो जाओ, सो जाओ, सो जाओ...) -२(अर्मान लुटे दीवाने के,
पर टूट गए पर्वाने के) -२
न मौत मिली न आज़ादी
किस्मत में लिखी थी बर्बादी
अब कौन कहे दुनिया को हसीं
नाकाम बहारों सो जाओ
ऐ चाँद सितारों सो जाओ, सो जाओ, सो जाओ...(ऐ रन्ज-ओ-अलम से बेगानों
तुम मेरा फ़साना क्या जानो) -२
वो चोट लगी है सीने पर
मजबूर हूँ आँसू पीने पर
दिल से न ???
बेताब नज़ारों सो जाओ
ऐ चाँद सितारों सो जाओ, सो जाओ, सो जाओ...(ये रात सुहानी रात नहीं,
ऐ चाँद सितारों सो जाओ, सो जाओ, सो जाओ...) -२