क्यूं मुजे इतानी कुशी दे दी की घबरता है दिल - The Indic Lyrics Database

क्यूं मुजे इतानी कुशी दे दी की घबरता है दिल

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - अनुपमा | वर्ष - 1966

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क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
कहीं मचल न जाऊँ, कहीं फिसल न जाऊँ
मचल न जाऊँ, फिसल न जाऊँ
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिलएक मैं हूँ और बहारें बेशुमार
हो न जाये आज आँचल तार-तार
धक से हो जाता है मेरा जी जो इतराता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिलखिल गई हूँ अपनी सूरत देखकर
लग न जाये मुझको मेरी ही नज़र
ये वो रुत है जिसमें अपने पर ख़ुद आ जाता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिलज़िन्दगी बेताब है मेरे लिये
प्यार रंगीं ख़्वाब है मेरे लिये
सब बहक जाते हैं जाने क्यूँ, जो बहकाता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल