फिर ना कीजे मेरी गुस्ताक निगाही का गिलास - The Indic Lyrics Database

फिर ना कीजे मेरी गुस्ताक निगाही का गिलास

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले, मुकेश | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - फ़िर सुबह होगी | वर्ष - 1958

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मुकेश: फिर ना कीजै मेरी गुस्ताख़ निगाहों का गिला
देखिये आप ने फिर प्यार से देखा मुझको
आशा: मैं कहाँ तक ये निगाहों को पलटने देती
आप के दिल ने कई बार पुकारा मुझकोमुकेश: इस कदर प्यार से देखो ना हमारी जानी
दिल अगर और मचल जाये तो मुश्किल होगी
आशा: तुम जहाँ मेरी तरफ़ देख के रुक जाओगे
वोही मंजिल मेरी तक़दीर की मंजिल होगी
मुकेश: देखिये आप ने फिर प्यार से देखा मुझको
आशा: आप के दिल ने कई बार पुकारा मुझकोमुकेश: एक यूँहीं सी नजर दिल को जो छू लेती है
कितने अरमान जगा देती है तुम्हे क्या मालूम
आशा: रूह बेचैन है कदमों से लिपटने के लिये
तुमको हर साँस बुलाती है तुम्हे क्या मालूम
मुकेश: देखिये आप ने फिर प्यार से देखा मुझको
आशा: आप के दिल ने कई बार पुकारा मुझकोमुकेश: हर नज़र आप की जज़बात को उकसाती है
मैं अगर हाथ पकड़ लूं तो खफ़ा मत होना
आशा: मेरी दुनिया-ए-मोहब्बत है तुम्हारे दम से
मेरी दुनिया-ए-मोहब्बत से जुदा मत होना
मुकेश: देखिये आप ने फिर प्यार से देखा मुझको
आशा: आप के दिल ने कई बार पुकारा मुझको