नायक नहीं खलनायक हुं मैं - The Indic Lyrics Database

नायक नहीं खलनायक हुं मैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, विनोद राठौड़ | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - | वर्ष - 1993

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री रा रि री री रा र रू
एक होता है नायक और एक होता है खलनायकनायक खलनायकनायक नहीं खलनायक है तू ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक है तू
इस प्यार की तुझको क्या कदर इस प्यार के कहां लायक है तू
नायक नहीं खलनायक है ...नायक खलनायक नायक खलनायकHe is the villainतेरी तबियत तो रंगीन है पर तू मोहब्बत की तौहीन है
इक रोज तुझको समझ आएगी लेकिन बहुत देर हो जाएगी
नायक नहीं खलनायक है ...खुद को तराज़ू में तौला नहीं सच खुद से भी तूने बोला नहीं
कितने खिलौनों से खेला है तू अफ़सोस फिर भी अकेला है तू
नायक नहीं खलनायक है ...जी हाँ मैं हूँ खलनायकनायक नहीं खलनायक है तू
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या मुझको क्या खबर बस यार नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक हूँ ...तेरी तबियत तो रंगीन है पर तू मोहब्बत की तौहीन हैकुछ भी नहीं याद इसके सिवा न मैं किसी का न कोई मेरा
जो चीज़ मांगी नहीं वो मिली करता मैं क्या और बस छीन ली
मैं भी शराफ़त से जीता मगर मुझको शरीफ़ों से लगता था डर
सबको पता था मैं कमज़ोर हूँ मैं इसलिए आज कुछ और हूँ
नायक नहीं खलनायक हूँ ...कितने खिलौनों से खेला है तू अफ़सोस फिर भी अकेला है तूबचपन में लिखी कहानी मेरी कैसे बदलती जवानी मेरी
सारा समन्दर मेरे पास है एक बूंद पानी मेरी प्यास है
देखा था माँ ने कभी प्यार से अब मिट गई वो भी संसार से
मैं वो लुटेरा हूँ जो लुट गया माँ का आंचल कहीं छुप गया
नायक नहीं खलनायक हूँ ...