कोई कोई रात ऐसी होती है - The Indic Lyrics Database

कोई कोई रात ऐसी होती है

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - बनारसी बाबू | वर्ष - 1973

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कोई कोई रात ऐसी होती है
जिसमें कोई बात ऐसी होती है
जो दिल से जुबां तक लाई ना जाए
आँखों से छुपाई भी ना जाए
रौशनी दिए की बैरी लगे
बैरी लगे, बैरी लगे
चंदा की चांदनी भी ज़हरी लगे
ज़हरी लगे, ज़हरी लगे
सेज भी है कलियों से महकी हुई
नयनो में निंदिया है बहकी हुई
और आनेवाला आके भी ना आए
बेख़ुदी धीरे धीरे लाई वहाँ
लाई वहाँ , लाई वहाँ
बेक़रारी में भी मज़ा आए जहाँ
आए जहाँ, आए जहाँ
आँचल भी सर से ढलकने लगा
उमंगों का साग़र छलकने लगा
कोई पलकों को आके झुकाए