आंखें खुलि थीं ए द वो भी नजर मुजे - The Indic Lyrics Database

आंखें खुलि थीं ए द वो भी नजर मुजे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - साथी | वर्ष - 1968

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आँखें खुली थीँ आये थे वो भी नज़र मुझे
फिर क्या हुआ नहीं है कुछ इस की खबर मुझे
आँखें खुली थीँ ...उन का ख़याल दिल में तसव्वुर निगाह में
रोशन वही चिराग़ है यादों की राह में
वो छोड़ कर गये थे इसी मोड़ पर मुझे
फिर क्या हुआ नहीं है कुछ इस की खबर मुझे
आँखें खुली थीँ ...अब तो मुझे अन्धेरों से उल्फ़त सी हो गैइ
आँखों को इंतज़ार की आदत सी हो गैइ
तकना है उन की राह यूँ ही उम्र भर मुझे
आँखें खुली थीँ आये थे वो भी नज़र मुझे