कोई जब तुम्हारा हृदय तोड दे - The Indic Lyrics Database

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड दे

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - पूरब और पश्चिम | वर्ष - 1970

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कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए
अभी तुमको मेरी ज़रूरत नहीं
बहोत चाहनेवाले मिल जायेंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कंवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे
दर्पन तुम्हे जब डराने लगे
जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा सर झुका है, झुका ही रहेगा, तुम्हारे लिए
कोई शर्त होती नहीं प्यार में
मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा
बुझाने लगी आरती का दिया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो
अंधेरो में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
ये दीपक जला है, जला ही रहेगा तुम्हारे लिए