ओइ कहीं मिल जाता हैं - The Indic Lyrics Database

ओइ कहीं मिल जाता हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - क़ातिलों के क़ातिल | वर्ष - 1981

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अरे यक-ब-यक कोई कहीं मिल जाता है यक-ब-यक
दिल से मिल-मिल के दिल खिल जाता है यक-ब-यक
हमने जो सोचा था दिल ने जो चाहा था
वही मिला आज यकायक अचानक हे यक-ब-यक
यक-ब-यक ...अपने जवाँ दिल पे हमें कल तक बड़ा नाज़ था
कल तक मेरे दिल के लिए इश्क़ एक राज़ था
इस इश्क़ में दिल हार के क्या यारा हम फ़िदा
दिल पे नया वार हुआ यार मिला प्यार हुआ
मार गई तेरी इक झलक अचानक हे यक-ब-यक
यक-ब-यक ...आँखों में थी ख़्वाबों में थी बरसों से सूरत तेरी
हमको भी और दिल को भी थी कब से ज़रूरत तेरी
मुद्दत से हम तरस गए आ अब तो लग जा गले
अब दौर ये यूँ ही चले ये रात अब न ढले
हो झुकी-झुकी नज़रें उठा
नज़र उठी ऐसे मिली गई कोई बिजली चमक हे यक-ब-यक
अचानक यक-ब-यक ...मदहोश तुम बेहोश हम छाया ये कैसा नशा
ये तन्हाई जान-ए-मन आए-आए मज़ा
ओय तुम समझे न हम समझे कब कैसे क्या हो गया
ये बाद में जानोगे तुम क्या मिल के क्या हो गया
अरे हार मेरी जीत बनी
प्रीत बनी बात वही आज यहाँ तक हे यक-ब-यक
अचानक यक-ब-यक ...