महफ़िल में कैसी छम छम - The Indic Lyrics Database

महफ़िल में कैसी छम छम

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - दिल्ली दरबार | वर्ष - 1956

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महफ़िल में कैसी छम छम
महफ़िल में कैसी छम छम किसका है ये तराना
ओ बेख़बर तेरे सिवा सारे जहाँ ने जाना
तेरे लिये सीखा है नज़रों ने मुस्कुराना
ओ बेख़बर तेरे सिवा सारे जहाँ ने जाना
महफ़िल में कैसी छम छम

कल तो कहा था मेरे हो
आज नज़र क्यूँ फेरे हो
मेरी वफ़ा झूठी है या तेरा वो फ़साना
ओ बेख़बर तेरे सिवा सारे जहाँ ने जाना
महफ़िल में कैसी छम छम

आँख मिला पहचान ज़रा
देख हुआ क्या हाल मेरा
शर्म-ओ-की चिलमन पड़ती है ख़ुद हटाना
ओ बेख़बर तेरे सिवा सारे जहाँ ने जाना
महफ़िल में कैसी छम छम

दिल की बात जो सुन लेते
पाँव में घुँघरू क्यूँ होते
ग़ैरों के सामने क्यूँ पड़ता ये सर झुकाना
ओ बेख़बर तेरे सिवा सारे जहाँ ने जाना
महफ़िल में कैसी छम छम