माना जनाब ने पुकारा नहीं - The Indic Lyrics Database

माना जनाब ने पुकारा नहीं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - पेइंग अतिथि | वर्ष - 1957

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(माना जनाब ने पुकारा नहीं
क्या मेरा साथ भी गवारा नहीं
मुफ़्त में बन के, चल दिये तनके,
वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं )-२
माना जनाब ने ...(यारों का चलन है गुलामी
देतें हैं हसीनों को सलामी )-२
गुस्सा ना कीजिये जाने भी दीजिये
बन्दगी तो बन्दगी तो लीजिये साहब
माना जनाब ने ...(टूटा फूटा दिल ये हमारा,
जैसा भी है अब है तुम्हारा )-२
इधर देखिये, नज़र फेरिये
दिल्लगी ना दिल्लगी ना कीजिये साहब
माना जनाब ने ...(माशा अल्ला कहना तो माना
बन गया बिगड़ा ज़माना )-२
तुमको हँसा दिया, प्यार सिखा दिया-२
शुक्रिया तो शुक्रिया तो कीजिये साहब
माना जनाब ने पुकारा नहीं,
क्या मेरा साथ भी गवारा नहीं
मुफ़्त में बन के, चल दिये तनके,
वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं हाय-३