कोई फ़र्याद तेरे दिल में दबी हो जैसे - The Indic Lyrics Database

कोई फ़र्याद तेरे दिल में दबी हो जैसे

गीतकार - फैज़ अनवर | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - निखिल विनय | फ़िल्म - तुम बिन | वर्ष - 2001

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जागते जागते एक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर सांस रुकी हो जैसे
कोई फ़र्याद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे
राह चलते हुये अक्सर ये गुमां होता है
वो नजर चुपके मुझे देख रही हो जैसे
इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं
मेरी हर सांस तेरे नाम लिखी हो जैसे
एक लम्हें में सिमट आया है सदियों का सफर
ज़िन्दगी तेज बहोत तेज चली हो जैसे