नीले अंबर के कले दो यहाँ साथी मिले - The Indic Lyrics Database

नीले अंबर के कले दो यहाँ साथी मिले

गीतकार - योगेश | गायक - येसुदास | संगीत - श्यामल मित्र | फ़िल्म - सफ़ेद झूठ | वर्ष - 1977

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नीले अम्बर के तले
दो यहां साथी मिले
झलके झलके अरमान मिलाके लेकर बसाने घर चले
नीले अम्बर के तलेहर घड़ी बिन रैना
चैन अब आए ना
मन कहे मेरा साथी अब कहीं जाए ना
ये मिलन में कोई अब शाम न ढले
नीले अम्बर के तले ...ज़िन्दगी में ऐसे दिन कभी आते हैं
रस्मों के बंधन में मीत बंध जाते हैं
फिर मजके उठे हैं तन के फूल खिले
नीले अम्बर के तले ...