कोई दिया जले कहीं - The Indic Lyrics Database

कोई दिया जले कहीं

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - दिल पडोसी है | वर्ष - 1987

View in Roman

कोई दिया जले कहीं
आवाज़ दे कोई
रात कटती नहीं
दर्द घटते नहीं
कोई दिया जले कहीं
सूखी हुई टहनी से
कितनी रातें तोड़ी हैं
कितने सारे दिन पीसे हैं
कितनी शामें जोड़ी हैं
जुड़ते हुए जब दो लम्हे आखिर मिले कहीं
शायद मिलेंगे वहीं
जानेवाले जाते जाते
इतना कह के लौट गए
फिर जब कोई दिन टूटेगा
फिर जब कोई रात गिरे
पलकों पे जब कोई आँसू मचले, गिरे नहीं
शायद मिलेंगे वहीं