इंतजार मेरी सुबहों को तेरी शामों का - The Indic Lyrics Database

इंतजार मेरी सुबहों को तेरी शामों का

गीतकार - सईद क़ादरी | गायक - अनुराधा पौडवाल | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - पाप | वर्ष - 2003

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इन्तज़ार -४
इन्तज़ार -४मेरी सुबहों को तेरी शामों का
मेरी शामों को तेरे वादों का
मेरी रातों को तेरे ख़ाबों का
मेरी नींदों को तेरी बाहों का
मेरे जज़्बों को तेरी चाहों का
बहकी-बहकी सी कुछ ख़ताओं का
ख़ूबसूरत से कुछ ग़ुनाहों का
इन्तज़ार -४अपने दिलबर का अपने हमदम का अपने जानम का इन्तज़ार
सुर्ख़ फूलों से महका रसता है
दिल तो मेरा मगर ज़र्द पत्ता है
पास आँखों के सब्ज़ मंजर है
दिल का मौसम तो फिर भी बंजर है
महकी-महकी सी कुछ हवाओं का
भीगी-भीगी सी कुछ घटाओं का
इन्तज़ार -४
अपने बादल का अपनी बारिश का अपने सावन का इन्तज़ार
अपनी धड़कन का अपनी साँसों का अपने जीने का इन्तज़ारकोई बदली कभी इस तरह आयेगी
प्यास सदियों की पल में बुझ जायेगी
तुझको लौटा के मेरी आग़ोश में
देखना वक़्त की नब्ज़ थम जाएगी
ऐसा होने के कुछ दुआओं का
उम्र भर जो मिलें उन पनाहों का
इन्तज़ार -४
तेरे आने का तुझको पाने का फिर ना जाने का इन्तज़ार -२
इन्तज़ार -४