कोई अटका हुआ है पल शायद - The Indic Lyrics Database

कोई अटका हुआ है पल शायद

गीतकार - गुलजार | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद
आ रही है जो चाप क़दमोंकी
खिल रहे हैं कई कँवल शायद
दिल अगर है तो दर्द भी होगा
इसका कोई नहीं है हल शायद
राख़ के भी कुरेद कर देखो
अब भी जलता हो कोई पल शायद