आज रोना पड़ा तो समझे - The Indic Lyrics Database

आज रोना पड़ा तो समझे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - दोस्त | वर्ष - 1960

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(आज रोना पड़ा तो समझे
हँसने का मोल क्या है
अपना सपना खोना पड़ा तो समझे )-२

ख़्वाबों की हक़ीक़त क्या थी
अरमानों की क़ीमत क्या थी
अपनों की मुहब्बत क्या थी
ग़ैर होना पड़ा तो समझे

आज रोना पड़ा तो समझे ...

सुख मिलता है किस मुश्किल से
क्या करती है दुनिया दिल से
इस रन्ग भरी महफ़िल से
दूर होना पड़ा तो समझे

आज रोना पड़ा तो समझे ...

निकले थे जिन्हें अपनाने
वो लोग थे सब बेगाने
इस बात को हम दीवाने
चैन खोना पड़ा तो समझे

आज रोना पड़ा तो समझे
हँसने का मोल क्या है
अपना सपना खोना पड़ा तो समझे