बनाने वाले क्या तूने यही दुनिया बसाई है - The Indic Lyrics Database

बनाने वाले क्या तूने यही दुनिया बसाई है

गीतकार - | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - पंडित गोविंदराम | फ़िल्म - जलपरी | वर्ष - 1952

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बनाने वाले क्या तूने यही दुनिया बसाई है
हज़ारों ख़ूबियाँ होते फिर भी बुराई है

यह दुनिया ऐसी दुनिया है समझ में किसकी आई है
परखना भी यह मुश्क़िल है इसमें क्या बुराई है

चमकते चाँद को जब चाँदनी दी दाग़ क्यों बाँटे
बनाकर ख़ुशनुमा फूलों को उसमें भर दिए काँटे

अगर ऐसा न होता हर कोई मग़रूर हो जाता
बनाने वाले ने यह सोचकर दुनिया बनाई है
परखना भी यह ...$